देहरादून के पास हेलीकॉप्टर हादसा: पूरी जांच और अपडेट

दिनांक: 15 जून 2025

स्थान: देहरादून – केदारनाथ मार्ग, गौरीकुंड के पास, उत्तराखंड

हादसे का संक्षिप्त विवरण

15 जून की सुबह करीब 5:20 बजे, केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जाते समय एक Bell 407 हेलीकॉप्टर (VT‑BKA) अचानक गौरीकुंड क्षेत्र के पहाड़ी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया

इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार 7 लोग, जिसमें एक बच्चा और पायलट शामिल हैं, सभी की मृत्यु हो गई।

यात्रियों और पायलटों की जानकारी

  • पायलट: कप्तान राजवीर सिंह चौहान – भारतीय सेना से रिटायर्ड और अनुभवी, पत्नी अभी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
  • यात्री: पाँच तीर्थयात्री एवं एक छोटा बच्चा – विभिन्न राज्यों से, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश के निवासी।

संभावित कारण: खराब मौसम

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि तीव्र बादल, कोहरा और सीमित दृश्यता (low visibility) इस दुर्घटना की मुख्य वजह हो सकती है ।इतना ही नहीं, यह इस साल Char Dham यात्रा के दौरान पांचवां हेलीकॉप्टर हादसा माना जा रहा है।

सर्च और रेस्क्यू संचालन

  • घटना के तुरंत बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं।
  • हेलीकॉप्टर लगभग 200–250 मीटर गहरी खाई में गिरा था, जिससे रेस्क्यू कार्य जटिल हो गया ।
  • घायल एक यात्री को AIIMS ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था।

सरकार और एजेंसियों की प्रतिक्रिया

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें निर्देशित किया कि पीड़ित परिवारों को हर तरह की मदद दी जाए और एक तेज़ जांच की जाए।
  • डीजीसीए ने संबंधित हेलीकॉप्टर कंपनी Aryan Aviation के सभी उड़ानों को निलंबित कर दिया, और AAIB ने जांच शुरू कर दी।
  • राज्य सरकार ने एक नए Common Command & Coordination Centre की बात कही, जिससे Char Dham यात्रा के लिए SOP और मौसम संबंधी चेतावनियों पर बेहतर तंत्र बन सके।

पिछले हादसों की झलक

  • 8 मई, 2025 को Gangnani में हुए हादसे में छह लोग मरे थे और एक घायल था।
  • मई और जून में कम से कम 5 हेलीकॉप्टर हादसे हुए, जिनसे यात्रा सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे हैं।

उठ रहे महत्वपूर्ण सवाल

  1. क्यों अचानक उड़ान अनुमति दी गई, जबकि मौसम खराब था?
  2. क्या SOP और DGCA निर्देशों का पालन हुआ?
  3. पायलट के अनुभव और उसकी फिटनेस जांची गई?
  4. AAIB की जांच कब तक होगी और रिपोर्ट कब तक पहुँचेगी?

अगली कार्रवाई और भविष्य की तैयारी

  • AAIB जल्द ही आख़िरी रिपोर्ट जारी करेगा, जिसमें हादसे के पूरा कारण, मानवीय या तकनीकी गलती की स्पष्टता मिलेगी।
  • DGCA और राज्य सरकार ने नए SOP लागू करने और उड़ानों को और भी सुरक्षित बनाने की योजना बनाई है – जिसमें केवल Twin‑engine हेलीकॉप्टर, पायलटों की मौसम की फिटनेस, सख्‍त प्री‑फ्लाइट चेक शामिल हैं।
  • एक पर्यवेक्षी समिति (Vigilance Office) की मांग उभर रही है, जिससे भविष्य में रेगुलेशन उल्लंघन रोके जा सकें।

निष्कर्ष

देहरादून के पास यह हेलीकॉप्टर हादसा एक फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या धार्मिक यात्राओं में हवाई यात्रा को प्राथमिकता देते समय सुरक्षा पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है? मौसम और दृश्यता जैसे जोखिमों को नहीं टाला जाता, तो हादसे दोहराए जा सकते हैं।सरकार द्वारा की जा रही नीतिगत बदलावों और जांच की पारदर्शिता भविष्य में यात्रियों के विश्वास को और बढ़ा सकती है।

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